रविवार, 22 मई 2016

डाक विभाग की कोर बैंकिंग सेवा । 
कर्मचारी और  जनता 
          कर्मचारियों का यही उद्देश्य होता है कि वह ऐसा कार्य करे कि जनता उससे खुश रहे और डाक विभाग का नाम रोशन हो। परन्तु कोर बैंकिंग सेवा से हो रही परेशानिओं  के कारण इस समय न तो कर्मचारी खुश है और न ही जनता। एक तरफ तो हम खुश हो रहे हैं की 22 हजार से भी ज्यादा डाकघरों को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ दिया गया है। इसके लिए  निः संदेह वह सभी कर्मचारी धन्यवाद के अधिकारी है,( बिना प्रापर प्रशिक्षण / पर्याप्त संसाधन के ) जिनकी मेहनत से यह कार्य संभव हो सका है। परन्तु जिन  कर्मचारियों की मेहनत के बल पर यह कार्य संभव हो सका है, उनकी परेशानियां कब दूर होगी यह समझ में नहीं आ रहा है। सुवह से लेकर शाम तक यहाँ तक कि 10 बजे रात तक कार्य करने के बाद भी जनता की संतुष्टि की जगह शिकायत और डांट सुननी पड़ती है तो उसके  दर्द ए दिल की हालत का अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। 
 कर्मचारी खुश हैं और न जनता 
           बार बार सुनने में आ रहा है कि अतिरिक्त सर्बर लग रहा है।  बैंडविथ बढ़ाई जा रही है।  परन्तु इन सबके बढ़ने को कौन कहे हालत और भी ख़राब हो रही है।  अब तो परिवार के लोग भी दुखी आत्मा की संज्ञा देने लगे हैं। तमाम कर्मचारी तो यहाँ तक कहते सुने गए कि यदि यही दशा रही तो वी आर एस लेना पड़ेगा। अथवा 6 बजे के बाद बिना कार्य समाप्त किये ही आफिस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस संबंध में हमारे संगठन का एकबार पुनः अनुरोध है कि  कोर बैंकिंग सेवा से सम्बंधित सभी परेशानिओं को जल्द दूर कराया जाय साथ ही सभी साथियों से भी अनुरोध है कि वह अपना धैर्य व साहस बनाए रखें क्योंकि
रात के बाद सवेरा अवश्य होता है
आर एस यादव 
                           

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